Talasari Dam Project // Talasari Watershede Project // Talasari watershede programme by SNCF Maharashtra (Mumbai)// Kurj Talasari Dam project.
हैलो,
सन्तो- भक्तो जी धन निरंकार जी और जो धन निरंकार को नही जानते, उनको मेरा हाथ जोड़कर नमस्कार स्वीकार हो।
सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन (SNCF) ने निष्काम भाव से सेवा करके महाराष्ट के कूर्ज तालासरी गाँव मे सोलर पैनल युक्त डाम बनाये। देखिये क्यो और कैसे?
सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के बारे में
( About SNCF )
सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन यानि SNCF 2010 से सामाजिक कार्यो मे कार्यरत है, जो सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के समय मे बनी थी। इसमे देश भर से हजारो है वालंटियर (निष्काम भाव से सेवा करने वाले सेवादार) जुड़े हैं ।
(Pic Source-- Self Camera)
ये सभी मिलकर तीन सामाजिक तत्वो पर काम करते हैं जैसे-
कोई भी प्राकृतिक आपदा आती है तो वहां के लोगो को बचाने, उनके खाने और रहन सहन आदि की व्यव्स्था करने के लिये तत्पर रहते हैं।
इसका उदहारण है अभी हाल ही में 2018 और 2019 मे केरल मे आयी बाढ़ मे लोगो के लिये SNCF द्वारा बचाव एवं राहत शिविर लगायें गये।
सन्तो- भक्तो जी धन निरंकार जी और जो धन निरंकार को नही जानते, उनको मेरा हाथ जोड़कर नमस्कार स्वीकार हो।
(सतगुरु माता सुदिक्षा सविदंर हरदेव सिंह महाराज जी
सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के बारे में
( About SNCF )
सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन यानि SNCF 2010 से सामाजिक कार्यो मे कार्यरत है, जो सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के समय मे बनी थी। इसमे देश भर से हजारो है वालंटियर (निष्काम भाव से सेवा करने वाले सेवादार) जुड़े हैं ।
(Pic Source-- Self Camera)
ये सभी मिलकर तीन सामाजिक तत्वो पर काम करते हैं जैसे-
- Heal -- यह अच्छी हेल्थ के लिये प्रयोग होता है।
- Enrichment- समृद्ध
- Empower- सुदृढ
अतः जो अपने आप मे समृद्ध है, सुदृढ है और अपने आप मे परिपक्व है, और जो हमेशा सामाजिक कार्य करने मे तत्पर रहते हैं बही SNCF है।
अतः ये सभी सरकारी विभागों के साथ तालमेल बनाकर अपनी सेवा करते रहते हैं।
अतः ये सभी सरकारी विभागों के साथ तालमेल बनाकर अपनी सेवा करते रहते हैं।
ये लोग हर साल बहुत से सामाजिक कार्य करते हैं जिनमे सफाई अभियान, रेल स्वच्छ भारत अभियान, पेड़ लगाओ अभियान और मेडिकल हेल्थ केयर कैम्प आदि प्रमुख हैं।
(Pic Source-- Camera)
हर साल 02 october को गाँधी जयंती के उपलक्ष्य मे पूरे भारत मे SNCF और सेवादल के जवान रेलवे स्टेशनों की सफाई करते हैं।
हर साल 02 october को गाँधी जयंती के उपलक्ष्य मे पूरे भारत मे SNCF और सेवादल के जवान रेलवे स्टेशनों की सफाई करते हैं।
05 jun को विश्व पर्यावरण के दिन पर कई सरकारी अस्पतालों और सरोकारी मंजिलों की साफ सफाई
की जाती हैं।
ये सिर्फ कर्म को ही पूजा मानते हैं। निष्काम सेवा को ही खूदा की सच्ची इबारत मानते हैं।
जैसा कि सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने कहा है कि- प्रदूषण अन्दर हो या बाहर दोनो हीं हानिकारक हैं।
अतः बाबा जी का जो सपना था इस धरा को प्रदूषण मुक्त करने का, चाहे वो हमारे मन की बुराईयां हो या समाज मे उतपन्न बुराईयां हो या आज पूरे विश्व मे कहीं भी कोई भी गन्दगी हो उसे ये SNCF के वालंटियर पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं।
कोई भी प्राकृतिक आपदा आती है तो वहां के लोगो को बचाने, उनके खाने और रहन सहन आदि की व्यव्स्था करने के लिये तत्पर रहते हैं।
इसका उदहारण है अभी हाल ही में 2018 और 2019 मे केरल मे आयी बाढ़ मे लोगो के लिये SNCF द्वारा बचाव एवं राहत शिविर लगायें गये।
- अभी 2019 मे प्रयागराज मे अर्धकुभं के अवसर पर फ्री दवाइयों की डिस्पैनसरी और खोया पाया बनाये गये।
- श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर हर साल मुरादाबाद SNCF द्वारा जूतो के फ्री स्टोल और वाहनों के लिये फ्री पार्किंग की वयवस्था की जाती हैं।
और देश भर मे जगह-जगह पर रक्त दान शिविर लगाये जाते हैं।
इस प्रकार से SNCF के सेवादार बहुत सारी सामाजिक क्रियाओं मे भाग लेते हैं, जो कि मानवता के लिये जरूरी और आवश्यक है।
और कोरोना वायरस के समय जहाँ लोकडाउन चल रहा है बहां लोगो को खाने पीने की सामग्री उपलब्ध कराई गई है। तो जहाँ भी मानव जाति की सेवा करने की बात आती है तो ये वालंटियर हमेशा तत्पर रहते हैं।
और कोरोना वायरस के समय जहाँ लोकडाउन चल रहा है बहां लोगो को खाने पीने की सामग्री उपलब्ध कराई गई है। तो जहाँ भी मानव जाति की सेवा करने की बात आती है तो ये वालंटियर हमेशा तत्पर रहते हैं।
अतः ये था SNCF का एक छोटा सा परिचय।
अब देखते हैं इनका वो सबसे बड़ा प्रोजैक्ट जिसमे इन्होंने कमाल कर दिया। आइये देखते हैं--
तालासारी डाम प्रोजैक्ट
(About The Project)--
सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के सानिंध्य मे रहकर SNCF ने पालगढ जिले के तालासरी गाँव को गोद लिया जो कि महाराष्ट्र मे है।
कूर्ज तालासरी डाम
अब गोद लिया था तो उनकी छोटी- छोटी सभी जरूरतों को पूरा किया गया। इसके लिये इन्होंने कई छोटे-छोटे प्रोजेक्ट भी चलाये।
तालासरी Watershed (जल विभाजन) प्रोजेक्ट बाबा जी के ड्रीम प्रोजेक्ट मे से एक था।
जब बाबा जी 2008-2009 मे महाराष्ट पहुँचे थे तभी से बाबा जी ने इसके बारे मे शोचा था।
उसके बाद से ही थोड़े- थोड़े काम बहां पे होने लगे।
फिर जब 2016-17 मे माता सविदंर कौर जी बहां पहुँची तो SNCF द्वारा तालासारी गाँव मे विकास की दर को बढाने के लिये ओर योजनाएं बनायी गयी।
दरअसल था क्या कि पालगढ जिले मे स्थित तालासरी एक अकेली तालुका थी जिसमे 9 ग्राम पंचायत थी। जिसमे लगभग 30000 आदिवासी लोग निवास करते थे, जो धीरे-धीरे लगभग 144 छोटे- छोटे गावों मे बट गये थे।
कहने का मतलब ये है कि जो भारी जनसंख्या एक साथ रहती थी वो बहाँ से जाने लगे और दूर- दूर जाकर छोटे- छोटे गांवो मे बट गये।
इसका कारण क्या था? ऐसा क्यो हो रहा था कि लोग अपने घर छोडकर भाग रहे थे? इसका पता चला तब---
जब 05-05-2018 को मैनेजमेंट कमेटी की मीटिंग हुई। तब SNCF मुम्बई की टीम ने अपना ध्यान इस ओर घुमाया कि आखिर क्या कारण है कि इतनी जनसँख्या पलायन कर रही थी।
फिर एक टीम SNCF की पालगढ जिले को रवाना हुई और जमीनी स्तर पर एक रिपोर्ट तैयार की तो पता चला कि जो सबसे बड़ी समस्या थी वो थी- Lack of Water यानि पानी की कमी।
क्योकि वहां की जनसंख्या ज्यादातर खेती पर निर्भर थी पर सिंचाई के लिऐ उचित पानी नही मिल पा रहा था।
जब खेती नही होगी तो आजीविका के साधन नही थे इसलिये सभी लोग वहां से भाग रहे थे।
ये सभी गाँव मुम्बई से लगभग 120km की दूरी पर एक नदी के किनारे थे जिसका नाम है सोनाई नदी है।
इन सभी गांवो मे टोटल 103.76 sq/km खेेती की जमीन थी। ये जो खेती की पूरी बेल्ट थी वो कोंकण बेेल्ट के अन्तर्गत आती है।
जहां पर साल भर बर्षा तो होती रहती परन्तु वारिस का सारा पानी बहकर सोनाई नदी में चला जाता था जिससे वहां के लोगो को खेती के लिये पानी नहीं मिल पाता था।
( छोटा डाम )
छोटे-छोटे डाम बनाये गये, जिनमे पानी को स्टोर किया गया।
जिस पानी को खेती के प्रयोग करना था।
पानी को ऊपर उठाना--
पानी को ऊपर उठाने के लिये पाईप लाईने बिछाई गयी, जिनको सौर ऊर्जा द्वारा संचालित किया गया। यानि जो पानी को ऊपर खीचने के लाये सौर ऊर्जा से संचालित मोटर लगाई गई।
खेती मे पानी का उपयोग--
ऊपर उठाए गये पानी को खेतो मे वितरित किया गया।
इस इस दीर्घकालीन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिये निम्न ऐक्शन लिये गये---
तालासारी डाम प्रोजैक्ट
(About The Project)--
सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के सानिंध्य मे रहकर SNCF ने पालगढ जिले के तालासरी गाँव को गोद लिया जो कि महाराष्ट्र मे है।
कूर्ज तालासरी डाम
अब गोद लिया था तो उनकी छोटी- छोटी सभी जरूरतों को पूरा किया गया। इसके लिये इन्होंने कई छोटे-छोटे प्रोजेक्ट भी चलाये।
तालासरी Watershed (जल विभाजन) प्रोजेक्ट बाबा जी के ड्रीम प्रोजेक्ट मे से एक था।
जब बाबा जी 2008-2009 मे महाराष्ट पहुँचे थे तभी से बाबा जी ने इसके बारे मे शोचा था।
उसके बाद से ही थोड़े- थोड़े काम बहां पे होने लगे।
फिर जब 2016-17 मे माता सविदंर कौर जी बहां पहुँची तो SNCF द्वारा तालासारी गाँव मे विकास की दर को बढाने के लिये ओर योजनाएं बनायी गयी।
दरअसल था क्या कि पालगढ जिले मे स्थित तालासरी एक अकेली तालुका थी जिसमे 9 ग्राम पंचायत थी। जिसमे लगभग 30000 आदिवासी लोग निवास करते थे, जो धीरे-धीरे लगभग 144 छोटे- छोटे गावों मे बट गये थे।
कहने का मतलब ये है कि जो भारी जनसंख्या एक साथ रहती थी वो बहाँ से जाने लगे और दूर- दूर जाकर छोटे- छोटे गांवो मे बट गये।
इसका कारण क्या था? ऐसा क्यो हो रहा था कि लोग अपने घर छोडकर भाग रहे थे? इसका पता चला तब---
जब 05-05-2018 को मैनेजमेंट कमेटी की मीटिंग हुई। तब SNCF मुम्बई की टीम ने अपना ध्यान इस ओर घुमाया कि आखिर क्या कारण है कि इतनी जनसँख्या पलायन कर रही थी।
फिर एक टीम SNCF की पालगढ जिले को रवाना हुई और जमीनी स्तर पर एक रिपोर्ट तैयार की तो पता चला कि जो सबसे बड़ी समस्या थी वो थी- Lack of Water यानि पानी की कमी।
क्योकि वहां की जनसंख्या ज्यादातर खेती पर निर्भर थी पर सिंचाई के लिऐ उचित पानी नही मिल पा रहा था।
जब खेती नही होगी तो आजीविका के साधन नही थे इसलिये सभी लोग वहां से भाग रहे थे।
ये सभी गाँव मुम्बई से लगभग 120km की दूरी पर एक नदी के किनारे थे जिसका नाम है सोनाई नदी है।
इन सभी गांवो मे टोटल 103.76 sq/km खेेती की जमीन थी। ये जो खेती की पूरी बेल्ट थी वो कोंकण बेेल्ट के अन्तर्गत आती है।
जहां पर साल भर बर्षा तो होती रहती परन्तु वारिस का सारा पानी बहकर सोनाई नदी में चला जाता था जिससे वहां के लोगो को खेती के लिये पानी नहीं मिल पाता था।
- अतः इस प्रोजेक्ट मे SNCF ने जगह-जगह पर पानी रोकने के लिये छोटे- छोटे Bunds या डाम बनाये।
- इससे पानी को रोक कर फिर पम्प की सहायता से ऊपर उठाकर पाईप लाईनों की सहायता से खेतो मे पहुँचाया गया।
- इस प्रोजेक्ट की मुख्य बात ये थी कि यह पूरा सौर ऊर्जा आधारित है। मतलब पानी के जो पम्प चलने है वो सौर ऊर्जा से ही चल रहे हैं।
( छोटा डाम )
- तीन बाते जो इस प्रोजेक्ट की अहम थी-
छोटे-छोटे डाम बनाये गये, जिनमे पानी को स्टोर किया गया।
जिस पानी को खेती के प्रयोग करना था।
पानी को ऊपर उठाना--
पानी को ऊपर उठाने के लिये पाईप लाईने बिछाई गयी, जिनको सौर ऊर्जा द्वारा संचालित किया गया। यानि जो पानी को ऊपर खीचने के लाये सौर ऊर्जा से संचालित मोटर लगाई गई।
खेती मे पानी का उपयोग--
ऊपर उठाए गये पानी को खेतो मे वितरित किया गया।
इस इस दीर्घकालीन प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिये निम्न ऐक्शन लिये गये---
- चिकित्सा स्वास्थय जाँच शिविर लगाये गये।
- लोगो को पीने के पानी सुविधा दी गई।
- स्कूल जाने वाले बच्चो को सपोर्ट किया गया।
- वहाँ के लोगो की आय बढाने के लिये और पलायन को रोकने के लिऐ, खेती के अलावा मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, बागवानी और फूलों की खेती आदि करने के विकल्प बताये।
- सरकारी कर्मचारीयो के साथ तालमेल बनाने के लिये, रोड और नदियों पे पुल आदि समस्याओ को दूर किया गया।
- और जो भी अन्य काम विकास के कार्य की जरूरत के हिसाब से आए वो सभी करते गये।
- इस प्रोजैक्ट की खास बात ये थी इसमे सरकार से कोई मदद नहीं ली गई जो भी पैसा और सेवा हुई वो मिशन की तरफ से ही हुई।
अन्त मे आपसे यही आशा करता हूँ कि SNCF की टीम का ये सराहनीय काम पसंद आया होगा।
तो इस प्रकार सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के द्वारा के गए सराहनीय काम अगर पसन्द आए तो इसको सभी ग्रुप मे और सभी दोस्तो, भक्तो को सेयर करदे।
धन्यवाद।
तो इस प्रकार सन्त निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के द्वारा के गए सराहनीय काम अगर पसन्द आए तो इसको सभी ग्रुप मे और सभी दोस्तो, भक्तो को सेयर करदे।
धन्यवाद।
अगर मुझसे कहीं भूलवश गलती हो गयी हो तो माफ कर देना। यदि कोई सलाह देनी हो तो अपने कमंट जरूर साझा करें।
धन निरंकार जी।
Dhan nirankar ji
ReplyDeleteधन निरंकार जी 🙏🙏
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