नफरत को दिल से मिटाना है। नफरत और प्यार मे सम्बन्ध है।

सन्तो, महापुरूषो जी धन निरंकार जी और जो धन निरंकार को नही जानते, उनको मेरा हाथ जोड़कर नमस्कार स्वीकार हो।

हरदेव वाणी पद --151

"नफरत तपती धूप है भाई प्यार ही शीतल छाया है।

    नफरत देती देती दुख ही दुख तो प्यार ने सुख पहुंचाया है।

नफरत ने हर बार मिटाया है प्यार ने हर बार बचाया है।

     नफरत ने संसार उजाड़ा प्यार ने सदा बसाया है।

नफरत ने दीवार उठाई प्यार ने सेतू बनाया है।

    नफरत ने तो जुदा किया है प्यार ने सदा मिलाया है।

नफरत है रोग भयानक सबके लिये है प्यार दवा।

      नफरत तो इक लानत सी है जीवन मे है प्यार दुआ।

नफतरत रेगिस्तान है और प्यार नदी का पानी है।

      नफरत ने प्यासा रखना है प्यार ने प्यास बुझानी है।

नफरत है इक गहरी खाई प्यार शिखर है पर्वत का।

     प्यार चूनेगा या नफरत को निर्णय है तेरी मत का।

सन्तो ने ये कहा हमेशा प्यार सदा अपनाना है।

    कहे ''हरदेव'' दिल से अपने नफरत वैर मिटाना है।"

               (Pic Source- Google)
तो सन्तो भक्तजनों कहने का आशय यही है कि नफरत से कुछ भी हासिल नहीं होता है। केवल और केवल प्यार से ही जीवन को संवारा जाता है।


इस प्रकार सभी से प्यार करने की जरूरत है, सभी मे प्यार बाटने की जरूरत है।
बक्स लेना जी।
धन निरंकार जी ।
धन्यवाद।






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