निरंकारी सतगुरु माता सुदिक्षा सविदंर हरदेव सिंह जी महाराज जी का जीवन - परिचय। बर्थडे स्पेशल।
सन्तो, महापुरूषो जी धन निरंकार जी और जो धन निरंकार को नही जानते, उनको मेरा हाथ जोड़कर नमस्कार स्वीकार हो।
आज निरंकारी जगत के लिये बहुँत ही खुशियों भरा दिन है, क्योकि आज समय की सतगुरू माता सुदिक्षा सविदंर हरदेव सिंह जी महाराज जी का जन्मदिन है।
आज ही के दिन माता सुदिक्षा जी ने इस संसार मे जन्म लिया था।
तो आज माता जी के बारे मे और उनके द्वारा मिशन को लगातार आगे बढाने के लिये जो प्रयास किये जा रहे हैं, उनके बारे मे चर्चा करेगें।
जन्म स्थान और परिवार--
आपजी ने 13 मार्च सन 1985 को, दिल्ली मे उपस्थित निरंकारी परिवार और मिशन के तीसरे सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज जी के घर मे जन्म लिया।
आपजी की दो बहने हैं, बहन समता जी बहन रेनूका जी और तीसरी आप ।
पूजनीय माता सविदंर कौर जी आप की माता जी थी। परिवार मे सबसे छोटी होने की बजह से आपको ज्यादा प्यार और दुलार मिलता था। बाबा जी सबसे प्यारी बेटी थी आप।
बचपन से ही आप मे कुछ अलग करने की ललक रहती थी।
आप जी बचपन से सहनशील और शान्त स्वभाव वाले थे।
स्कूल की पढ़ाई--
आप जी ने अपनी स्कूल की पढाई सरकारी स्कूल से की थी।
फिर आप ने हायर एजुकेशन के लिये , मिराडा हाऊस यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली से साईकोलोजी मे ग्रेजुएशन के साथ आनर्स की पढाई पूरी की।
पढाई के साथ-साथ आपजी मिशन की सेवा मे भी भाग लेते थे, सेवादल मे रहकर आपजी ने तरह-तरह की सेवाएं निभाई।
विवाह --
आपजी का विवाह निरंकारी परिवार मे, महापुरूष अवनीत सेथिया जी से हुआ।
अवनीत सेतिया जी ने भी अपके साथ मिलकर सतगुरु की सेवा मे भाग लिया।
आप जी ने दिसम्बर 2016 मे सन्त निरंकारी मंडल के विदेश विभाग के इंचार्ज के रूप मे 60 से अधिक देशो मे मिशन की गतिविधियों का मार्गदर्शन किया।
आपजी का मिशन और मिशन के महापुरूषो के प्रति बहुत ही स्नेह का भाव रहता था।
जहाँ, कहीं भी सेवा की बात आती थी तो आपजी बढ चढ़कर हिस्सा लेते थे। आपजी मे बाबा हरदेव सिंह जी महाराज जी की शिक्षा और सिखलाई दूर से ही दिखाई पड़ती थी।
वो झलक आपजी मे बचपन से दिखती थी, जो सतगुरु के बच्चो मे होनी चाहिए थी।
तो इस तरह आप जी हर बाबा हरदेव सिंह जी महाराज जी और पूजनीय माता सविदंर कौर जी के साथ कदम से कदम मिलाकर प्रचार-प्रसार मे हिस्सा लिया।
और इस मिशन को विश्व व्यापी मिशन बनाने मे योगदान दिया।
महापुरूष अवनीत सेतिया जी का ब्रहमलीन हो जाने पर माता सुदिक्षा जी का दूसरा विवाह निरंकारी मिशन के ही सन्त रेव रमित चांदना जी से किया गया। जिन्होने आपजी सतगुरु के रूप मे स्वीकार किया।
सतगुरु रूप---
यूँ तो आपने खूब सेवाओं मे भाग लिया पर, एक सेवा और थी जिसका बाबा जी ने सपना देखा था और उस सेवा को शायद आपसे बेहतर कौन निभा सकता था। जब 2016 मे निरंकारी जगत के सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज जी निरंकार रूप मे विलीन हो गए तब इन परिस्थितियों मे पूजनीय माता सविदंर कौर जी ने मिशन की बागडोर अपने हाथो मे ली।
और माता सविदंर कौर जी भी निकल पड़ी उसी रास्ते पे जो बाबा जी चाहते थे।
बाबा जी का एक ही सपना था कि --जो सो रहे हैं, उनको जगाना है अर्थात ज्ञान रूपी उजाला करना है।
आपने 36 वर्ष तक विश्व के हर कोने-कोने मे ये ब्रहम ज्ञान उजाला किया।
फिर माता सविदंर कौर जी ने आपजी प्रचार प्रसार को वही गति देने की कोशिश ।
पूजनीय माता सविदंर कौर जी ने कहा था कि-- हमे कंधे से कन्धा मिलाकर चलना है अर्थात हम सबको मिशन के प्रचार प्रसार के आगे आना होगा। जो मिशन बाबा जी चाहते थे, वो मिशन हम सब को एक साथ मिलकर बनाना होगा।
माता सविदंर कौर जी ने कहा----- हमे रोशन मिनार बनना है अर्थात हमे ऐसा चिराग बनना है कि हम दूसरो को रोशन कर सके।
फिर शायद माता सविदंर कौर जी, बाबा जी का अचानक से निरंकार मे विलीन होने का गम सह ना सकी और धीरे-धीरे उनकी तबियत खराब होने लगी।
फिर अपने स्वास्थय को देखते हुए, माता सविदंर कौर जी ने 16 जुलाई, 2018 को संगत के बाद माता सुदिक्षा जी को सतगुरु रूप मे मानने के लिये सभी सन्तो महापुरूषो के सामने घोषणा की।
और सभी मंडल के प्रबन्धक महापुरूषो और अधिकारीगण द्वारा माता जी को समय का सतगुरु बनने के लिये गले मे दुपट्टा डाला गया।
और माता सुदिक्षा जी ने माता सविदंर कौर जी का आशीर्वाद लिया गया।
तो इस प्रकार 33 साल की आयु मे सतगुरु माता सुदिक्षा सविदंर हरदेव सिंह जी महाराज जी ने समय के सतगुरु रूप लिया और कहा----
" कि दासी इस लायक नही है, पर आप जी ने आशीर्वाद देकर इस लायक समझा है, आपजी किरपा करो कि इस सेवा को निभा पाऊँ और जैसे कि बाबा जी संगत को अपनी माँ मानते थे, दासी भी आप सभी को अपनी माँ मानकर सेवा निभाती रहें।
धन निरंकार जी।
फिर क्या था सन्तो, माता सुदिक्षा सविदंर हरदेव सिंह जी महाराज जी निकल पड़ी कारवां आगे बढाने को।
उनके साथ रेव रमित चांदना जी भी कदम से कदम मिलाकर चलने लगे।
मिशन के प्रति योगदान---
बाबा जी का जो सपना था मिशन को बढाने का वो आज माता सुदिक्षा जी बहुँत अच्छे से निभा रही हैं।
जैसा कि मै पहले ही बता चुका हूँ कि 33 वर्ष की कम अवस्था से ही आप जी बहुँत दूर-दूर तक प्रचार प्रसार के लिये जाने लग गये।
आपजी भी दूर देशो मे जाकर प्रचार- प्रसार करती हैं। आपजी भी दिन - रात सन्तो के दर्शनो के लिये घूमती रहतीं हैं।
आपजी का प्यार और स्नेह देखकर सबकी आँखे खुशी के कारण नम हो जाती हैं।
आपजी ने युवाओं के लिये बहुँत बढावा दिया। कई जगहो पर सेमिनार का आयोजन किया जाता हैं।
नवम्बर 2019 को 72 वें निरंकारी समागम मे आपने सन्तो को अपने दर्शनो से निहाल किया। अभी जनवरी मे महाराष्ट मे 53 वें सन्त निरंकारी समागम मे आपने सभी सन्तो को अपना आशीर्वाद दिया।
उसके साथ NYS का पंजाब मे आयोजन किया तथा अभी हाल ही मे निरंकारी सेवादल सिमपोजियम का 2 दिन का आयोजन किया, जिसमे आपने सेवादल को सेवा के सारे गुर सिखायें और उनका हौंसला अफजाई की।
आप जी लगातार देश और विदेशों के कोने मे जाकर संगतो को अपने आशीर्वाद से निहाल कर रहे हो।
आपजी चाहते हो कि जो मिशन बाबा बूटा सिंह जी, जो मिशन बाबा अवतार सिंह जी, जो मिशन बाबा गुरबचन सिंह जी और जैसा मिशन बाबा हरदेव सिंह जी महाराज जी चाहते थे, वो मिशन बन पाये। हर घर मे खुशहाली हो। ये ज्ञान की रोशनी हर इन्सान तक पहुँचे। हर एक के मन मे एकतव की भावना हो। भाई का भाई से प्यार हो, पड़ोस का पड़ोस से प्रेम हो।
क्योकि कहा गया है-- प्यार सजाता है गुलशन को, और नफरत विरान करे।
तो इस प्रकार आपजी सभी सुखी और खुशहाल करने के लिये लगे रहते हो, बिना अपने स्वास्थय की चिन्ता किये।
ऐसे सतगुरु को सत सत नमन्।
कोटि कोटि प्रणाम।
धन निरंकार जी।
कोई गलती हुई तो बक्स लेना जी और अच्छी लगी तो इसको लाइक और सेयर कर देना जी।
अपने कमंट जरूर करे और कोई सुझाव हो तो कृपया बताएं।
सेयर के लिये ऊपर सीधे हाथ के कोने पे और नीचे उल्टे हाथ के कोने पे तीन डोट बने है, उस पर क्लिक करेगें तो आइकॉन मिलेंगे। सभी मे सेयर कर देना जी।
और अन्त मे--
हैपी बर्थडे माता जी।
और भी, निरंकारी मिशन और भक्ति से समबन्धित लेख पढने के लिये हमारे पेज से जुड़े रहें।
आज निरंकारी जगत के लिये बहुँत ही खुशियों भरा दिन है, क्योकि आज समय की सतगुरू माता सुदिक्षा सविदंर हरदेव सिंह जी महाराज जी का जन्मदिन है।
आज ही के दिन माता सुदिक्षा जी ने इस संसार मे जन्म लिया था।
तो आज माता जी के बारे मे और उनके द्वारा मिशन को लगातार आगे बढाने के लिये जो प्रयास किये जा रहे हैं, उनके बारे मे चर्चा करेगें।
जन्म स्थान और परिवार--
आपजी ने 13 मार्च सन 1985 को, दिल्ली मे उपस्थित निरंकारी परिवार और मिशन के तीसरे सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज जी के घर मे जन्म लिया।
आपजी की दो बहने हैं, बहन समता जी बहन रेनूका जी और तीसरी आप ।
पूजनीय माता सविदंर कौर जी आप की माता जी थी। परिवार मे सबसे छोटी होने की बजह से आपको ज्यादा प्यार और दुलार मिलता था। बाबा जी सबसे प्यारी बेटी थी आप।
बचपन से ही आप मे कुछ अलग करने की ललक रहती थी।
आप जी बचपन से सहनशील और शान्त स्वभाव वाले थे।
स्कूल की पढ़ाई--
आप जी ने अपनी स्कूल की पढाई सरकारी स्कूल से की थी।
फिर आप ने हायर एजुकेशन के लिये , मिराडा हाऊस यूनिवर्सिटी ऑफ दिल्ली से साईकोलोजी मे ग्रेजुएशन के साथ आनर्स की पढाई पूरी की।
पढाई के साथ-साथ आपजी मिशन की सेवा मे भी भाग लेते थे, सेवादल मे रहकर आपजी ने तरह-तरह की सेवाएं निभाई।
विवाह --
आपजी का विवाह निरंकारी परिवार मे, महापुरूष अवनीत सेथिया जी से हुआ।
अवनीत सेतिया जी ने भी अपके साथ मिलकर सतगुरु की सेवा मे भाग लिया।
आप जी ने दिसम्बर 2016 मे सन्त निरंकारी मंडल के विदेश विभाग के इंचार्ज के रूप मे 60 से अधिक देशो मे मिशन की गतिविधियों का मार्गदर्शन किया।
आपजी का मिशन और मिशन के महापुरूषो के प्रति बहुत ही स्नेह का भाव रहता था।
जहाँ, कहीं भी सेवा की बात आती थी तो आपजी बढ चढ़कर हिस्सा लेते थे। आपजी मे बाबा हरदेव सिंह जी महाराज जी की शिक्षा और सिखलाई दूर से ही दिखाई पड़ती थी।
वो झलक आपजी मे बचपन से दिखती थी, जो सतगुरु के बच्चो मे होनी चाहिए थी।
तो इस तरह आप जी हर बाबा हरदेव सिंह जी महाराज जी और पूजनीय माता सविदंर कौर जी के साथ कदम से कदम मिलाकर प्रचार-प्रसार मे हिस्सा लिया।
और इस मिशन को विश्व व्यापी मिशन बनाने मे योगदान दिया।
महापुरूष अवनीत सेतिया जी का ब्रहमलीन हो जाने पर माता सुदिक्षा जी का दूसरा विवाह निरंकारी मिशन के ही सन्त रेव रमित चांदना जी से किया गया। जिन्होने आपजी सतगुरु के रूप मे स्वीकार किया।
सतगुरु रूप---
यूँ तो आपने खूब सेवाओं मे भाग लिया पर, एक सेवा और थी जिसका बाबा जी ने सपना देखा था और उस सेवा को शायद आपसे बेहतर कौन निभा सकता था। जब 2016 मे निरंकारी जगत के सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज जी निरंकार रूप मे विलीन हो गए तब इन परिस्थितियों मे पूजनीय माता सविदंर कौर जी ने मिशन की बागडोर अपने हाथो मे ली।
और माता सविदंर कौर जी भी निकल पड़ी उसी रास्ते पे जो बाबा जी चाहते थे।
बाबा जी का एक ही सपना था कि --जो सो रहे हैं, उनको जगाना है अर्थात ज्ञान रूपी उजाला करना है।
आपने 36 वर्ष तक विश्व के हर कोने-कोने मे ये ब्रहम ज्ञान उजाला किया।
फिर माता सविदंर कौर जी ने आपजी प्रचार प्रसार को वही गति देने की कोशिश ।
पूजनीय माता सविदंर कौर जी ने कहा था कि-- हमे कंधे से कन्धा मिलाकर चलना है अर्थात हम सबको मिशन के प्रचार प्रसार के आगे आना होगा। जो मिशन बाबा जी चाहते थे, वो मिशन हम सब को एक साथ मिलकर बनाना होगा।
माता सविदंर कौर जी ने कहा----- हमे रोशन मिनार बनना है अर्थात हमे ऐसा चिराग बनना है कि हम दूसरो को रोशन कर सके।
फिर शायद माता सविदंर कौर जी, बाबा जी का अचानक से निरंकार मे विलीन होने का गम सह ना सकी और धीरे-धीरे उनकी तबियत खराब होने लगी।
फिर अपने स्वास्थय को देखते हुए, माता सविदंर कौर जी ने 16 जुलाई, 2018 को संगत के बाद माता सुदिक्षा जी को सतगुरु रूप मे मानने के लिये सभी सन्तो महापुरूषो के सामने घोषणा की।
और सभी मंडल के प्रबन्धक महापुरूषो और अधिकारीगण द्वारा माता जी को समय का सतगुरु बनने के लिये गले मे दुपट्टा डाला गया।
और माता सुदिक्षा जी ने माता सविदंर कौर जी का आशीर्वाद लिया गया।
तो इस प्रकार 33 साल की आयु मे सतगुरु माता सुदिक्षा सविदंर हरदेव सिंह जी महाराज जी ने समय के सतगुरु रूप लिया और कहा----
" कि दासी इस लायक नही है, पर आप जी ने आशीर्वाद देकर इस लायक समझा है, आपजी किरपा करो कि इस सेवा को निभा पाऊँ और जैसे कि बाबा जी संगत को अपनी माँ मानते थे, दासी भी आप सभी को अपनी माँ मानकर सेवा निभाती रहें।
धन निरंकार जी।
फिर क्या था सन्तो, माता सुदिक्षा सविदंर हरदेव सिंह जी महाराज जी निकल पड़ी कारवां आगे बढाने को।
उनके साथ रेव रमित चांदना जी भी कदम से कदम मिलाकर चलने लगे।
मिशन के प्रति योगदान---
बाबा जी का जो सपना था मिशन को बढाने का वो आज माता सुदिक्षा जी बहुँत अच्छे से निभा रही हैं।
जैसा कि मै पहले ही बता चुका हूँ कि 33 वर्ष की कम अवस्था से ही आप जी बहुँत दूर-दूर तक प्रचार प्रसार के लिये जाने लग गये।
आपजी भी दूर देशो मे जाकर प्रचार- प्रसार करती हैं। आपजी भी दिन - रात सन्तो के दर्शनो के लिये घूमती रहतीं हैं।
आपजी का प्यार और स्नेह देखकर सबकी आँखे खुशी के कारण नम हो जाती हैं।
आपजी ने युवाओं के लिये बहुँत बढावा दिया। कई जगहो पर सेमिनार का आयोजन किया जाता हैं।
नवम्बर 2019 को 72 वें निरंकारी समागम मे आपने सन्तो को अपने दर्शनो से निहाल किया। अभी जनवरी मे महाराष्ट मे 53 वें सन्त निरंकारी समागम मे आपने सभी सन्तो को अपना आशीर्वाद दिया।
उसके साथ NYS का पंजाब मे आयोजन किया तथा अभी हाल ही मे निरंकारी सेवादल सिमपोजियम का 2 दिन का आयोजन किया, जिसमे आपने सेवादल को सेवा के सारे गुर सिखायें और उनका हौंसला अफजाई की।
आप जी लगातार देश और विदेशों के कोने मे जाकर संगतो को अपने आशीर्वाद से निहाल कर रहे हो।
आपजी चाहते हो कि जो मिशन बाबा बूटा सिंह जी, जो मिशन बाबा अवतार सिंह जी, जो मिशन बाबा गुरबचन सिंह जी और जैसा मिशन बाबा हरदेव सिंह जी महाराज जी चाहते थे, वो मिशन बन पाये। हर घर मे खुशहाली हो। ये ज्ञान की रोशनी हर इन्सान तक पहुँचे। हर एक के मन मे एकतव की भावना हो। भाई का भाई से प्यार हो, पड़ोस का पड़ोस से प्रेम हो।
क्योकि कहा गया है-- प्यार सजाता है गुलशन को, और नफरत विरान करे।
तो इस प्रकार आपजी सभी सुखी और खुशहाल करने के लिये लगे रहते हो, बिना अपने स्वास्थय की चिन्ता किये।
ऐसे सतगुरु को सत सत नमन्।
कोटि कोटि प्रणाम।
धन निरंकार जी।
कोई गलती हुई तो बक्स लेना जी और अच्छी लगी तो इसको लाइक और सेयर कर देना जी।
अपने कमंट जरूर करे और कोई सुझाव हो तो कृपया बताएं।
सेयर के लिये ऊपर सीधे हाथ के कोने पे और नीचे उल्टे हाथ के कोने पे तीन डोट बने है, उस पर क्लिक करेगें तो आइकॉन मिलेंगे। सभी मे सेयर कर देना जी।
और अन्त मे--
हैपी बर्थडे माता जी।
और भी, निरंकारी मिशन और भक्ति से समबन्धित लेख पढने के लिये हमारे पेज से जुड़े रहें।
Dhan nirankar ji
ReplyDelete