कौन-कौन सी स्टेज हैं, कोरोना वायरस के फैलने की ? जाने सभी पाँचों स्टेज के बारे मे बहुँत ही आसान भाषा मे। आज जो कोरोना के लिए शब्द प्रयोग हो रहे हैं, उनके बारे मे भी जाने। इससे आसान कहीं नहीं मिलेगा।

सन्तो- महापुरूषो जी धन निरंकार जी और जो धन निरंकार को नही जानते, उनको मेरा हाथ जोड़कर नमस्कार स्वीकार हो।

आज हम बात करेंगें कोरोना वायरस की स्टेजो के बारे।
उससे पहले थोड़ा सा बता दें कि ये वायरस आया कहाँ से है।
दरअसल यह वायरस चीन के वुहान शहर से आया है। जो आज पूरी दूनियाँ मे फैल चुका है।
यह बहुँत ही खतरनाक वायरस है।
इसका नाम है -  नोवल कोरोना वायरस 
बिमारी का नाम- 
Corona Virus disease ( Covid-19 )

              Corona Virus      (Pic Source- Google)

तो इसकी वजह से आज हम ये शब्द बहुँत यूज कर रहे हैं कि 1st stage, 2nd stage, 3rd stage, 4th stage और 5th stage. हम बोलते हैं कि भारत मे कोरोना वायरस  2nd stage ( दूसरे स्टेज) मे चल रहा है, चीन पाँचवी स्टेज मे चल रहा है और इटली 3rd यानि तीसरी स्टेज मे है। जो बहुँत ही भयंकर स्टेज है।
तो क्या होती हैं ये स्टेज, समझते है बहुँत ही आसान सी भाषा मे। कुछ लोगो को इसके बारे मे अच्छे से पता होगा पर सभी को नहीं।
तो एक उदहारण से समझते हैं इसको ।

 1st Stage (प्रथम श्रेणी )--
मान लिजिये कोई व्यक्ति है जो नौजवान है, किसी दूसरे देश से कोरोना वायरस से संक्रमित होकर भारत आता है जैसे ही वह हवाईअड्डे पर उतरता है, तब उसका टैस्ट होता है तो उसको कोई बुखार नहीं था पर उससे एक सपथपत्र भरा लिया गया कि अगर भविष्य मे तबियत खराब होती है तो हमे सूचित करदे । अब उसको दो हफ्ते (14 दिन) तक सबसे अलग रहने के लिये कहा जाता है यानि उसको अपने परिवार से अलग रहने की सलाह दी जाती है और वह नौजवान अपने घर आकर सबसे अलग रहने लगा। उसके माता -पिता  के पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं मिला। 2-3 दिन तक ऐसा ही चलता रहा उसके माता-पिता बहुँत दूखी थे, मन ही मन रो रहे थे परन्तु उस लड़के ने उनकी एक ना सुनी और अपने आप को सबसे अलग करके बन्द रखा।
6-7 दिन बाद उसको तेज बुखार हुआ उसने दिये हुए नम्बर पर काल करके सूचित किया और अपने आप को आइसोलेट कर लिया। अब उसका टैस्ट किया तो कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाया गया।
*नोट----( यहाँ पोजिटिव का मतलब है कि उसमे कोरोना वायरस है ) और निगेटिव है तो नही है।


अब उसके माता-पिता का टैस्ट किया तो उनका निगेटिव आया और उसके घर के आस पास के सभी लोगो का टैस्ट किया तो उनका भी निगेटिव आया क्योकि लड़का कही घर से बाहर भी नहीं निकला था, उतने दिन। अब डॉकटर की टीम ने उसकी अच्छे से देखभाल की और कुछ हि दिन मे वह ठीक होकर घर वापस आ गया।
 जो माता-पिता परेशान हो रहे थे,वो अब खूश हैंं और उसके पड़ोसी भी खुश हैं।
तो ये थी प्रथम स्टेज जिसमे सिर्फ दूसरे देश से कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति ही संक्रमित रहता है और अगर वह किसी के टच मे नहीं आता है तो आसानी से ठीक हो सकता है।
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2nd Stage ( दुसरी श्रेणी )---

इसमे मान लेते हैं कि दूसरा व्यक्ति B है जो अपने मामा के यहाँ गयाा था जो कि एक कम्पनी के मालिक हैं। कुछ ही मिनट मे वह उनसे मिलकर आ गया। 4-5 दिन बाद व्यक्ति B को बहुुुँत तेज बुखार आया। टेस्ट कराने पे पता चला की वह कोरोना पोजिटिव हैं, पूछने पे बताया की उसकेे मामा जी अभी कुछ ही दिन पहले विदेश लोटे हैं। मामा जी की उम्र 60-65 वर्ष की  होगी । जब मामा जी विदेश से आये थे तो उनको बुखार नहीं था पर उनसे जब शपथ पत्र भराया गया और सलाह दी गयी कि आप अपने आप को 14 दिन तक आइसोलेट कर लिजिए यानि 14 दिन तक आप अपने घर वालो से दूरी बनाकर रखे और घर से बाहर नही जाना हैै, किसी से मिलना नही है और बुखार आदि आने पर हमे सूूूूचित करे।
तब मामा ने उनकी एक ना सुनी और घर पे आकर अपने सभी घर वालो से मिले। उन्होंने शोचा कि अगर मैं सबसे अलग रहने लग गया तो काम को कौन देखेगा। काम तो जरूरी है पहले।
आराम से 2-4 दिन तक कम्पनी गये सभी स्टाफ से मिले।
अब 6-7 दिन बाद मामा जी को बुखार आया, उनके साथ उनके घर वालो को भी बुखार आ गया । चेक करने पे पता चला कि मामा जी तो कोरोना वायरस से पॉजिटिव है यानि कोरोना से संक्रमित है । अब उनके घर वालो का टेस्ट किया तो वो भी पोजिटिव हैं और जो उनके ऑफिस का 300 लोगो का स्टाफ था और जो सगे सम्बन्धी थे जिसमे व्यक्ति B भी है, वो सभी लोग पॉजिटिव निकले।


यानि अकेले मामा ने पूरे स्टाफ को, घर वालो को, और सम्बन्धियो को कोरोना से पीड़ित कर दिया।
अब ये डर है कि ये सब लोग पता नहीं कितनों से मिलेंगे।
तो दूसरी स्टेज मे क्या होता है कि इसमे जो व्यक्ति कोरोना से पॉजिटिव आया है वो विदेश नहीं गया। बल्कि वह ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क मे आया है जो हाल ही मे विदेश से आया है।
यही स्टेज भारत मे चल रही है जिसमे जो विदेश से लोग आ रहे हैं, उनके सम्पर्क मे आने से लोग संक्रमित हो रहे हैं।
इस स्टेज मे हम आसानी से पता लगा सकते हैं कि विदेश से कौन आया है और कौन संक्रमण फैला रहा है उस व्यक्ति को पहचान के आसानी से पकड़ा जा सकता है।
या यहाँ पे 'लोकडाउन' करके इसको तीसरी स्टेज मे जाने से रोका जा सकता है।
जो आज हमारे देश मे कर रहे हैं यही एकमात्र उपाय है इसको रोकने का । वरन इसका इलाज भी नहीं है।
इसका हाल ही का उदहारण है- वालीवुड सिंगर कनीका कपूर का। जिसने लखनऊ मे बहुँत लोगो ग्रसित किया।

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3rd Stage ( तीसरी श्रेणी ) ---

ये बहुँत ही खतरनाक स्टेज है, इस स्टेज मे अगर कोई देश आ गया तो वहाँ भयावह स्थिति बन जाती है। लाशो के ढेर लग जाते हैं।
इटली आज इसी स्टेज मे है तभी तो वहाँ आज की डेट मे 30 हजार से अधिक लोग मर चुके है और लगभग 2 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हैं।
चीन ने ये स्थिति देख ली है, चीन इससे आगे पाँचवी स्टेज मे है।
चूँकि भारत से अच्छी तकनीक है इटली के पास फिर भी कैसे इस बिमारी से जूझ रहा है, भारत मे तो ये स्टेज संभलेगी नहीं।
                   अब, एक कोई तीसरे व्यक्ति C को खाँसी, जुकाम और बुखार हुआ। टेस्ट करने पे पता चला कि वह कोरोना पोजिटिव है।


पर वह तो कभी विदेश भी नहीं गया और ना ही वह विदेश से आने वाले किसी व्यक्ति के सम्पर्क मे आया। फिर उसका सोर्स क्या है यानि उसको ये वायरस कहाँ से मिला।
जब कहीं ये न पता चले कि हमारे सम्पर्क मे कौन ऐसा व्यक्ति आ गया जिसके सम्पर्क मे आने से ये रोग आया है। तब हम किस- किस को पकड़ेगे।
  जैसे ऊपर दूसरी स्टेज मे,जो मामा जी ने अपने स्टाफ को संक्रमित किया था वो स्टाफ किसी दूसरो को करेगा, वो आगे किसी ओर को, आगे किसी ओर को । फिर आगे......
यहाँ संख्या गुणा होती चली जाती है।
यहाँ से संख्या 100 से हजार, लाख और करोड़ो मे भी हो सकता है।
इसको रोक पाना आसान नहीं है, इसका सिर्फ एकमात्र उपाय है पूरा देश लोकडाउन और उसके बाद भी बहुँत मेहनत करनी होगी।
तो ये थी तीसरी अवस्था जो बहुँत भयंकर है।
तो हमे सभी को लोकडाउन मे सहयोग करना होगा जिससे हम तीसरी स्टेज मे आने से पहले ही इसको खतम कर दे।

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4th Stage (चौथी अवस्था )---
इस स्टेज मे चारों तरफ लाशे होंगी। मेडिकल सेवा कमजोर पड़ जाती है।
इसमे सिर्फ ये देखा जाता है कि किसको जल्दी बचा सकते हैं यानि नौजवानों को ज्यादा बचाने की कोशिश की जाती है। जो बच रहा है बचा लो, जो मर रहा मरने दो।
यहाँ पे देश को लोकडाउन करके सिर्फ जरूरत वाली दुकान, हॉस्पिटल और मेडिकल इत्यादि खोलते हैं। हमको घर से बाहर नहीं जाना है।
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5th Stage ( पाँचवी अवस्था)---

इस स्टेज मे मजबूरी मे देश को बचाना है तो पूरी तरह से लोकडाउन करना पड़ेग। केवल हॉस्पिटल खुले रहेंगे बाकि सब बन्द।
यहाँ पे करो या मरो वाली स्थिति आ जाती है। आप घर से बाहर नहीं आ सकते हैं क्या, कुछ भी कारण हो । अगर घर से निकले तो एफo आईo आरo हो जायेगी।
इस स्टेज मे चीन देश चल रहा है, वैसे तो इस स्टेज से किसी भी शहर या देश को बचाना आसान नहीं होता है फिर भी चीन ने इस स्टेज मे आकर इस पर काबू पा लिया है।
चीन मे कुल लगभग 3300 मोत हो चूकी है और लगभग 86,000 लोग संक्रमित है। पर अब 4-5 दिन से कोई नया मामला नहीं आया है यानि अब बहाँ जिन्दगी पटरी पर लोट रही है।
क्या है ये शब्द जो आजकल बहुँत चलन मे आ रहे ? कोरोनटाईन, आइसोलेशन, सैनिटाईजर और लोकडाउन ।

आजकल ये शब्द बहुँत चलन मे आ रहें हैं क्या है इनका मतलब देखते हैं---

1.आइसोलेशन---- जब से कोरोना वायरस आया हैै एक शब्द बहुँत बोला जाता है कि सेल्फ आइसोलेशन।
कि उस व्यक्ति ने अपने आप को आइसोलेशन मे कर लिया है। 
इसका सिधा सा मतलब है- एकान्तपन।
जब किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका हो या अभी उसको बुखार नहीं दिखाई दे रहा है तो वह व्यक्ति सेल्फ आइसोलेट कर सकता है।  अपने घर परिवार वालो से दूरी बना सकता है। अकेला रह सकता है। ताकि उसके अलावा किसी ओर को ये वायरस ना हो।
2 .कोरोनटाईन---
जब किसी व्यक्ति मे कोरोना पोजिटिव पाया जाता है तो उसको किसी एकान्त कमरे मे या जहाँ पे कोरोनटाईन वार्ड बने, मे रखा जाता है। जहाँ डॉकटर उसकी देख रेख करते हैं। वहां से तब तक नहीं छोड़ा जाता जब तक की वो ठीक ना हो जाये।
3.सैनेटाईजर----
कोरोना वायरस से बचने से हमे अपने हाथो को सैनेटाईजर से ही धोना चाहिए। इसमे एल्कोहल मिला होता है। 
मुँह पे सैनेटाईजर मास्क लगाने चाहिये। 



 4.लोकडाउन----
जब कोरोना वायरस को किसी शहर या देश मे किसी पे फैलने से रोकने के लिये पूरे देश की नाका- बन्दी कर दी जाती है।
कोई भी व्यक्ति न देश से बाहर जायेगा ना आयेगा।

                            ( लोकडाउन )
केवल हॉस्पिटल और जरूरी सामान की दूकान खुलेगी।
तो इस तरह से केवल लोकडाउन ही आखिरी उम्मीद है कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिये।
आप खुद अपने आप को बचा सकते हैं बस घर से बाहर नहीं निकलना है।
5. Social Distancing (सोशियल डिसटेनसिगं)--
इसका मतलब है कि सामाजिक दूरी। यानि हमे सभी से सामाजिक दूरी बनाये रखना है जिससे कोरोना वायरस के बढने के बहुँत कम आसार होते हैं।

तो मेरी आप सभी से हाथ जोड़कर विनती है कि कुछ दिन अपने आप को समझ लीजिये कि आप बहुँत बिमार हो और डॉकटर ने आपको बोला कि अगर बचना चाहते हो तो घर पे रूकना पड़ेगा, तभी आप बच सकते हैं, वरना कोई दूसरी शक्ति नहीं है, परमात्मा भी हमारी सहायता तभी करते है जब हम अपनी सहायता खुद करने के लिये तैयार हो।
इसका आज की तारीख मे कोई इलाज नहीं है।
आशा करता हूँ जानकारी आपको अच्छी लगी होगी।


तो सन्तो भक्तजनों अगर लेख अच्छा लगे तो लाइक और सेयर कर देना और अपने कमंट भी जरूर साझा करे।
धन्यवाद।
धन निरंकार जी।
कोई गलती हो जाये तो बक्स लेना।





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